कुछ देर ख़ामोशी ही सही ।
शब्दों को जूझने का मौका तो मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
बोलों को खुद में तौलने को मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
अंतर्मन को सींचने का मौका तो मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
लावे से धधकते दिल को शीत होने का मौका मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
नसों में अविरत बहते लहू को शांत रहने का मौका तो मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
इस चंचल मन को एकाकी भाव तो मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
विस्मृत यादों को फिर से स्मरति का स्वाभाव मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
खुद को फिर से पाने का मौका तो मिलेगा ।
कुछ देर खमोशी ही सही
जड़ को चेतन, सौम्य होने का मौका तो मिलेगा ।
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
असहक्षुणता और साम्यवाद को परखने का मौका तो मिलेगा ।
संदीप गुप्ता
शब्दों को जूझने का मौका तो मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
बोलों को खुद में तौलने को मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
अंतर्मन को सींचने का मौका तो मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
लावे से धधकते दिल को शीत होने का मौका मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
नसों में अविरत बहते लहू को शांत रहने का मौका तो मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
इस चंचल मन को एकाकी भाव तो मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
विस्मृत यादों को फिर से स्मरति का स्वाभाव मिलेगा
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
खुद को फिर से पाने का मौका तो मिलेगा ।
कुछ देर खमोशी ही सही
जड़ को चेतन, सौम्य होने का मौका तो मिलेगा ।
कुछ देर ख़ामोशी ही सही
असहक्षुणता और साम्यवाद को परखने का मौका तो मिलेगा ।
संदीप गुप्ता