उर उर में, बस बसी है, एक ही आग
क्यूँ गिर रही, भारत के वीरों की लाश
क्यूँ घट रही घटनाएं, क्यू फैला आतंकवाद
क्यूँ हो रहा है कर्फ्यू, और सन्नाटे का राज ।
क्यूँ भीग रही धरती, क्यूँ सुर्ख़ है आकाश
क्यूँ गिर रही, भारत माँ के वीरों की लाश ॥
या सो रहे महकमें, या सुन्न है आवाज
या खेल है ये इनका, या खो गया अहसास ।
ये खोलते नहीं पत्ते, ये शतरंज की बिसात
रंग अलग है सबके, सबकी अलग ही है चाल
क्यूँ हो रहे शहीद, भारत माता के लाल ॥
क्यूँ मिट रहीं मांग, क्यूँ उजड़ गए सुहाग
क्यूं रो रहीं हैं माएँ ,क्यूँ बच्चे पूछते सवाल ।
कब आएंगे मेरे बापू, सुनने बच्चों हाल
क्यूँ भीगी है वर्दी, हुई क्यूँ रंग सुर्ख लाल
ऐसा हो रहा है क्यूँ, भारत माता का हाल ॥
क्यूँ गिर रही, भारत के वीरों की लाश
क्यूँ घट रही घटनाएं, क्यू फैला आतंकवाद
क्यूँ हो रहा है कर्फ्यू, और सन्नाटे का राज ।
क्यूँ भीग रही धरती, क्यूँ सुर्ख़ है आकाश
क्यूँ गिर रही, भारत माँ के वीरों की लाश ॥
या सो रहे महकमें, या सुन्न है आवाज
या खेल है ये इनका, या खो गया अहसास ।
ये खोलते नहीं पत्ते, ये शतरंज की बिसात
रंग अलग है सबके, सबकी अलग ही है चाल
क्यूँ हो रहे शहीद, भारत माता के लाल ॥
क्यूँ मिट रहीं मांग, क्यूँ उजड़ गए सुहाग
क्यूं रो रहीं हैं माएँ ,क्यूँ बच्चे पूछते सवाल ।
कब आएंगे मेरे बापू, सुनने बच्चों हाल
क्यूँ भीगी है वर्दी, हुई क्यूँ रंग सुर्ख लाल
ऐसा हो रहा है क्यूँ, भारत माता का हाल ॥