चाँद उतरा इस धारा पर, पूरी करने को हसरतें
देख चाँदनी के अस्क को, और बदलती वो करवटें
रह गया खामोश वो , हो गई थी बेहोश वो
सुध बुध न रही , हो गई खामोश वो
देख चाँदनी की बेबसी , चाँद भी फफक कर रोया
रह गया खामोश हो , गया था मदहोश वो
देख चाँदनी के अस्क को चाँद उतरा इस धरा को
सिमटी सी सिसकी भरी चुभती सी हँसी
ले गई रात वो रह गया खमोश वो
कर रही सुबह चांदनी पर किरण का कहर
सिमटी सी सिसकती चादनी पर सूरज का कहर
चाँद उतरा इस धारा पर पूरी करनें को हसरते
देख चाँदनी के अस्क को और बदलती हुई वो करवटें
कभी पास कभी दूरी इन दोनों की मजबूरी
अब तो पूरण की ही रात खत्म करेगी दूरी
इस करवट कभी उस करवट पर छोड़ती नही हट
मिलन की एक रात की छोड़ दे तू हट
दूर है देश वो प्रेम का परदेश वो
दूर हुईं दूर सही पर है मेरा स्वदेश वो
इस कहर से इस सिहर से क्या छोड़ दूँ मैं पीहर को
मिट जाऊगी मर जाऊगी इस हट पर मर वर जाऊगी
प्यार की इस विरह को घूँट समझ पि जाऊगी
दे दे मुझे विष कोलाहल अमृत समझ पी जाऊगी
मिट जाऊगी मर जाऊगी हर पहर मर जाऊगी
कर रही हूँ पहर को अन्तिम हो गई हूँ मैं स्वर्णिम
नाम मेरा बदला है सूरज आग का गोला है
सूरज ने मेरा दामन खिंच कर खोला है
नाम मेरा बदल गया सूरज के संग दोल गया
देर करी है तुने लेकिन मन मेरा ये बोला है
तू ही मेरा डोला है तू ही मेरा डोला है
रह गया खामोश वो , हो गई थी बेहोश वो
सुध बुध न रही , हो गई खामोश वो
देख चाँदनी की बेबसी , चाँद भी फफक कर रोया
रह गया खामोश हो , गया था मदहोश वो
देख चाँदनी के अस्क को चाँद उतरा इस धरा को
सिमटी सी सिसकी भरी चुभती सी हँसी
ले गई रात वो रह गया खमोश वो
कर रही सुबह चांदनी पर किरण का कहर
सिमटी सी सिसकती चादनी पर सूरज का कहर
चाँद उतरा इस धारा पर पूरी करनें को हसरते
देख चाँदनी के अस्क को और बदलती हुई वो करवटें
कभी पास कभी दूरी इन दोनों की मजबूरी
अब तो पूरण की ही रात खत्म करेगी दूरी
इस करवट कभी उस करवट पर छोड़ती नही हट
मिलन की एक रात की छोड़ दे तू हट
दूर है देश वो प्रेम का परदेश वो
दूर हुईं दूर सही पर है मेरा स्वदेश वो
इस कहर से इस सिहर से क्या छोड़ दूँ मैं पीहर को
मिट जाऊगी मर जाऊगी इस हट पर मर वर जाऊगी
प्यार की इस विरह को घूँट समझ पि जाऊगी
दे दे मुझे विष कोलाहल अमृत समझ पी जाऊगी
मिट जाऊगी मर जाऊगी हर पहर मर जाऊगी
कर रही हूँ पहर को अन्तिम हो गई हूँ मैं स्वर्णिम
नाम मेरा बदला है सूरज आग का गोला है
सूरज ने मेरा दामन खिंच कर खोला है
नाम मेरा बदल गया सूरज के संग दोल गया
देर करी है तुने लेकिन मन मेरा ये बोला है
तू ही मेरा डोला है तू ही मेरा डोला है
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