Saturday, March 26, 2011

पंक्तियाँ कितनी भी हों किताब में, माँ न रखती है इन्हें हिसाब में

पंक्तियाँ कितनी भी हों किताब में 
हांसिये कितने भी हों हिसाब में 
गलतियाँ हों वो भी ब्याज में 
माँ न रखती है इन्हें हिसाब में 
                  लो रख लिया आज उसे(माँ) हिसाब में
                  नौ मास लिए उसकी कोख़ के पास
                  प्रसव के बाद उसके कलेजे के साथ 
                  वर्ष तीन न रहा कभी उसके बिन 
हर पहर, हर वजह, करता था जिरह
माँ के आँचल से ही तृप्त होती थी विरह 
वर्ष सात के कोमल मन का
ख़त्म करती तू सिरह
                 मैया मैं अब बारह बरस का  
                 खुद को समझू अठारह बरस का 
                 बातें करता हु मैं जितनी सागर में हों मछली जितनी 
                 तेरी दिल की एक न मानू अपनी हठ पर तुझको वारूँ
रोज रोज की नयी कहानी 
एक के बाद एक परेशानी 
मैंने तेरी एक न मानी 
अब तुझको मैं समझू बच्चा 
गलत हूँ पर मैं समझू सच्चा 
               इस बाईस की दहाई में तुझको झोका खाई में 
               खुद ही करता हूँ फैसला तुझको रखू मैं अकेला 
               तुझको मैं एक बार न पूछता 
               तेरे आंशुओं से कलेजा है सूखता 
आज है मेरी सगाई जी 
माँ पर खुशियाँ है छाई जी 
उसे पता क्या वह संग अपने 
अपनी सामत है लाई जी
              रोज रोज की चिक चिक कलह 
              घरवाली रहती तुझसे खिजाई जी 
             कहती है मुझसे कर दो उसे पराई जी         
उस दिन मैं था अढतिस  का
माँ का मन भी अढतिस का 
सहसा उसका मन कचोट गया 
मुझे धीरे से बोल दिया 
तू मुझे किनारे छोड़ दे 
अपनी ब्याहता से बोल दे 
पड़ी रहूंगी एक कोने में 
देना एक बिछौनिया सोने में 
सदा करूगी तुझको प्यार 
              तू लेले मेरे आशीष दुलार, तू लेले मेरे आशीष दुलार                      

जीवन के इस पथरीले पथ पर, कुछ टेड़े, कुछ मेढ़े, पत्थर कुछ बिलकुल तीखे है

जीवन के इस पथरीले पथ पर भांति- भांति के पत्थर है
कुछ टेड़े,  कुछ मेढ़े,  पत्थर   कुछ  बिलकुल  तीखे  है
आगे बढ कर चलना सीखो तुमसे  कुछ उम्मीदें है
जीवन के इस पथरीले पथ पर भांति- भांति के पत्थर है
                                इनसे सरल इनसे कठिन नहीं इस गामी पथ पर 
                                इनकी द्रढता देखो तुम सुनामी भी न इनके पथ पर
                               न पत्थर से कुछ भी समतल न पत्थर सा है महान 
                               पत्थर ही ला देते है   इस       संसार  में       भूचाल 

जीवन के इस पथरीले पथ पर भांति- भांति के पत्थर है 
कुछ टेड़े,  कुछ मेढ़े,  पत्थर   कुछ  बिलकुल  तीखे  है                                
 
    

I never afraid from the rocks. But how do i stop sand particals.

मैं कभी डरता नहीं, पत्थरों से शिलाओं से
मैं कभी डरता नहीं, खण्डों  से  धाराओ  से
मैं कभी डिगा नहीं,  तूफानी   हवाओं    से
मैं अभी स्थिर हूँ , हिला नहीं  भूचालों   से 

मैं कभी रुका नहीं वर्षा भरे तूफानों से 
मैं कभी डिगा नहीं नदियों के उफानों से 
मैं कभी थका नहीं सूरज के तपाने से 
मैं कभी रुका नहीं हिम के तूफानों से 

मैं अभी डरा हूँ,  ठंडी ओस की बौछारों से 
मैं अभी डरा हूँ,  सूखे पत्तों के सरसराने से 
मैं अभी डरा हूँ,  भाँवरों के गुनगुनाने से 
मैं अभी डरा हूँ,  चिड़ियों के चहचहाने से     

मैं अभी डरा हूँ सावन के आ जाने से
मैं अभी डरा हूँ गोधूली के छा जाने से 
मैं अभी थका हूँ, छाव के आ जाने से 
धंसता गया फिर क्यूँ रेत के आ जाने से

धंसता गया फिर क्यूँ रेत के आ जाने से
धंसता गया फिर क्यूँ रेत के आ जाने से


Wednesday, March 9, 2011

रूप श्रृंगार, ममता दुलार, औरत से संपूर्ण संसार

रूप श्रृंगार, ममता दुलार, औरत से संपूर्ण संसार
जीवन के पहले पग में, केवल तू थी मेरे जग में
                           तेरे आँचल की छाव  में, जब कांटे लगे  मेरे पाँव में 
                           सारे  दुःख  भी  खोया ,   जब भी प्यास लगी  रोया मैं  
                           एक ही झपकी में सोया, माँ तेरे आँचल की ठंडी छाव में
                           मेरे श्रद्धा सुमन तेरे पाँव में, मेरे श्रद्धा सुमन तेरे पाँव में ( माँ )
तुझमे मेरी है प्रेरणा,  तुझमे  मेरी अभिलाषा है
तू ही मेरे जीने का मकसद, तू ही मेरी आशा है      
                          तू ही मेरे दिवा स्वप्न में तू ही है  रात्रि पहर में 
                          तू जीवन की एक झलक में, तू आँखों की पलक में
                          तेरे बिन इस धरा  में,  घुमा  हूँ  जैसे निर्जल में
                          तेरे बिन रैन बसेरा है तुझमे हक अब  मेरा है ( प्रेमिका, पत्नी )
तुझसे सिखा मैंने प्यार, थोड़ी खुशियाँ ज्यादा प्यार 
एक पल का रूठना एक पल है प्यार  
खत्म करता है  दीवार तुझसे ही नए जीवन की बहार   
 मेरी लाडो तेरा दुलार, मेरी लाडो तेरा दुलार  ( बहन, बेटी )


खुशबू भी नहीं उपवन में, तरसे रैना, करे फुहार   
तेरे बिन न बीते रैना सूना लगे सारा संसार