Saturday, March 26, 2011

I never afraid from the rocks. But how do i stop sand particals.

मैं कभी डरता नहीं, पत्थरों से शिलाओं से
मैं कभी डरता नहीं, खण्डों  से  धाराओ  से
मैं कभी डिगा नहीं,  तूफानी   हवाओं    से
मैं अभी स्थिर हूँ , हिला नहीं  भूचालों   से 

मैं कभी रुका नहीं वर्षा भरे तूफानों से 
मैं कभी डिगा नहीं नदियों के उफानों से 
मैं कभी थका नहीं सूरज के तपाने से 
मैं कभी रुका नहीं हिम के तूफानों से 

मैं अभी डरा हूँ,  ठंडी ओस की बौछारों से 
मैं अभी डरा हूँ,  सूखे पत्तों के सरसराने से 
मैं अभी डरा हूँ,  भाँवरों के गुनगुनाने से 
मैं अभी डरा हूँ,  चिड़ियों के चहचहाने से     

मैं अभी डरा हूँ सावन के आ जाने से
मैं अभी डरा हूँ गोधूली के छा जाने से 
मैं अभी थका हूँ, छाव के आ जाने से 
धंसता गया फिर क्यूँ रेत के आ जाने से

धंसता गया फिर क्यूँ रेत के आ जाने से
धंसता गया फिर क्यूँ रेत के आ जाने से


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